अभी तक :-
आपने विद्यालय की बाल संसद को 7 सदनों/विभागों में विभक्त किया है | अभी तक आयोजित बाल सभाओं में आप बच्चो को समझा चुके हैं कि ये सभी 7 विभाग कैसे काम करेंगें | कहीं कोई अस्पष्टता है तो आप यहाँ पर क्लिक करके अपना संशय दूर आकर सकते हैं -
बाल संसद का गठन (meenamanch.in)
आज के लिए :-
बाल अधिकार
बच्चों के अधिकार होते हैं, अब यह बात सभी स्तरों पर स्वीकृत कर ली गयी है। इसी दिशा में अंर्तराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर इसे चिन्हित किया गया है। अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर बाल अधिकार और शिक्षा के संदर्भ में भारत में स्वीकृत बाल अधिकार निम्नलिखित हैं: -
- बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र की प्रसंविदा (यू.एन. कनवेनश्न फॉर चाइल्ड राइटस)
- राष्ट्रीय स्तर पर संसद द्वारा पारित अधिकार
बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र की प्रसंविदा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाल अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस प्रसंविदा में सभी देशों ने अमेरिका तथा सोमालिया को छोड़कर ने यह वादा किया था कि अपने राज्य के संसाधनों को बच्चों के विकास में प्राथमिकता दी जाये, इसका वे प्रयास करेगें। साथ ही ऐसे सभी उचित विधायी, प्रशासनिक, सामाजिक और शैक्षणिक उपाय:- करेंगे जिसने माता-पिता (अथवा माता या पिता), कानूनी अभिभावक (अभिभावकों) और अन्य किसी व्यक्ति की देखरेख में रह रहे बच्चों को सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक हिंसा, चोट अथवा अपमान, उपेक्षा अथवा उपेक्षाजनक व्यवहार, दुर्व्यवहार अथवा शोषण जिसमें यौन शोषण भी शामिल है, से बचाया जा सके। इस संरक्षण उपायों में औचित्य के अनुसार, बच्चे और उसकी देखभाल करने वाले को आवश्यक सहायता देने के लिये समाजिक कार्यक्रम बनाने की प्रभावी प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। यह प्रसंविदा 42 बाल अधिकारों को चार क्षेत्रों में विभाजित करती हैं
कृपया उपरोक्त विषय वस्तु का अध्ययन करके बच्चों को सरल और बोधगम्य भाषा में अवगत कराएं कि बाल अधिकार क्या होतें हैं ? उन्हें यह अधिकार किसने प्रदान किये ? बाल अधिकारों के विषय में शेष जानकरी अगले सत्रों में ....