सम्मानित सुगमकर्ताओं,
बाल सभा में पिछले सप्ताह आप बच्चों को बाल अधिकारों के विषय में सामान्य जानकारी दे चुके हैं | अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर बाल अधिकार और शिक्षा के संदर्भ में भारत में स्वीकृत बाल अधिकार में से आप उन्हें बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र की प्रसंविदा (यू.एन. कनवेनश्न फॉर चाइल्ड राइटस) की संक्षिप्त जानकारी दे चुकें हैं |
पिछले सप्ताह की सभी गतिविधियों का अवलोकन करने के लिए कृपया यहाँ पर जाएँ-
आज के लिए :-
बाल अधिकारबच्चों के अधिकार होते हैं, अब यह बात सभी स्तरों पर स्वीकृत कर ली गयी है। इसी दिशा में अंर्तराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर इसे चिन्हित किया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर संसद द्वारा पारित अधिकार
बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम में उल्लिखित बाल अधिकार
बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम में उल्लिखित बाल अधिकार
- प्रत्येक बच्चे को जन्म लेने तथा जीवित रहने का पूर्ण अधिकार है।
- प्रत्येक बच्चे को बिना किसी भेदभाव के पोषण अर्थात् पर्याप्त भोजन पाने का अधिकार है |
- प्रत्येक बच्चे को माता-पिता एवं समुदाय का भरपूर प्यार एवं दुलार पाने का अधिकार है।
- प्रत्येक बच्चे को घर तथा घर के बाहर संरक्षण (सुरक्षा) का अधिकार है।
- प्रत्येक बच्चा स्वाभाविक रूप से मनोरंजन भी चाहता है। अतः उसे मनोरंजन का अधिकार है।
- प्रत्येक बच्चा खेलना अवश्य पसन्द करता है और यह उसके जीवन के लिए आवश्यक है। अतः उसे खेलने का अधिकार है।
- प्रत्येक बच्चे को अपने मनोभावों को प्रकट करने अर्थात् अभिव्यक्ति का अधिकार है।
- बच्चे ही देश के भावी कर्णधार हैं इसलिए प्रत्येक बच्चे को सुयोग्य नागरिक बनने का अधिकार है।
- प्रत्येक बच्चे को सर्वांगीण विकास का अधिकार है।
- 6-14 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को कक्षा-1 से कक्षा-8 तक की निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने एवं पूरा करने का अधिकार है।
- निःशक्त, विशिष्ट आवश्यकता वाले (विकलांग) बच्चों को भी निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा पाने और पूरा करने का अधिकार है।
- किसी भी बच्चे के साथ लैंगिक, जातीय अथवा धार्मिक भेदभाव न किया जाये, उन्हें समानता का अधिकार है।
कृपया उपरोक्त विषय वस्तु का अध्ययन करके बच्चों को सरल और बोधगम्य भाषा में अवगत कराएं कि बाल अधिकार क्या होतें हैं ? उन्हें यह अधिकार किसने प्रदान किये ? बाल अधिकारों के विषय में शेष जानकरी अगले सत्रों में ....