महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम और उनके अधिकारों की सुरक्षा


 भारत सरकार ने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई कानूनों और योजनाओं का निर्माण किया है। इन कानूनों और योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना, उन्हें सुरक्षा प्रदान करना, और उन्हें न्याय दिलाना है। यहाँ कुछ प्रमुख कानूनों और योजनाओं का उल्लेख किया गया है:

1. दहेज हत्या निषेध अधिनियम (1961)

  • उद्देश्य: दहेज के कारण होने वाली हिंसा और हत्या को रोकना।
  • यह कानून दहेज लेने और देने को अपराध मानता है। इसके तहत दहेज के लिए महिलाओं पर शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सजा का प्रावधान है।

2. भारत में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम (2005)

  • उद्देश्य: घरेलू हिंसा से महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना।
  • इस कानून के तहत महिलाओं को उनके घर में किसी भी प्रकार की शारीरिक, मानसिक, या यौन हिंसा से बचाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाव, पुनर्वास, और सुरक्षित आवास का अधिकार दिया गया है।

3. संभोग अपराध (बलात्कार) कानून (2013)

  • उद्देश्य: बलात्कार और यौन हिंसा के मामलों में सख्त सजा और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • यह कानून बलात्कार और अन्य यौन उत्पीड़न के मामलों में दंड की कड़ी सजा निर्धारित करता है। इसमें 16 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार करने को "बलात्कार" के तहत अपराध माना जाता है।

4. पोस्को एक्ट (2012)

  • उद्देश्य: बच्चों के खिलाफ यौन शोषण और हिंसा से उनकी सुरक्षा।
  • इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा, शोषण और अपहरण को सख्ती से दंडनीय अपराध माना जाता है।

5. महिला सुरक्षा (राष्ट्रीय महिला आयोग)

  • उद्देश्य: महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और हिंसा के मामलों में सहायता प्रदान करना।
  • राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी उपायों पर निगरानी रखता है।

6. महिला हेल्पलाइन योजना (181)

  • उद्देश्य: महिलाओं के लिए तत्काल सहायता प्रदान करना।
  • यह योजना महिलाओं के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन (181) प्रदान करती है, जहाँ वे किसी भी प्रकार की हिंसा, उत्पीड़न या संकट के मामले में मदद प्राप्त कर सकती हैं।

7. सातवां महिला सुरक्षा योजना (माहिला शक्ति केंद्र)

  • उद्देश्य: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण।
  • यह योजना महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सेवाएँ प्रदान करती है, जैसे कानूनी सहायता, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और अन्य सेवाएँ, ताकि वे अपनी समस्याओं का समाधान कर सकें।

8. निर्भया फंड

  • उद्देश्य: महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना।
  • इस फंड का उपयोग महिलाओं के लिए सुरक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे, पुलिस वाहन) और अन्य सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

9. महिला सशक्तिकरण योजना (BETI BACHAO BETI PADHAO)

  • उद्देश्य: महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा को समाप्त करना और उन्हें शिक्षा और अवसर प्रदान करना।
  • इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के जन्म से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा तक सभी पहलुओं में सुधार करना है। यह योजना लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ उनका सशक्तिकरण करती है।

10. महिला हिंसा और उत्पीड़न की रोकथाम के लिए Nirbhaya Scheme

  • उद्देश्य: महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने और सजा दिलाने के लिए एक विशेष योजना।
  • इस योजना के तहत विशेष पुलिस बल और त्वरित न्याय प्रणाली बनाई गई है ताकि महिलाओं को शीघ्र न्याय मिल सके।

इन कानूनों और योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, यह भी जरूरी है कि महिलाएँ इन कानूनी अधिकारों और योजनाओं के बारे में जागरूक हों ताकि वे हिंसा के खिलाफ कार्रवाई कर सकें।

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