सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श


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आज (26/11/2024) के लिए : 

सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श
बच्चों और वयस्कों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है, खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के संदर्भ में। यह समझना जरूरी है कि स्पर्श का सही और गलत तरीका क्या होता है, ताकि लोग अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें और असुरक्षित स्पर्श से बच सकें।

1. सुरक्षित स्पर्श (Safe Touch)

सुरक्षित स्पर्श वह होता है, जो व्यक्ति के व्यक्तिगत सीमा का सम्मान करता है और उसे आरामदायक, सुरक्षित और आदरपूर्ण महसूस कराता है। यह स्पर्श व्यक्ति की इच्छा से होता है और इसमें किसी प्रकार का डर, असहजता या अपमानजनक भावनाएँ नहीं होतीं।

उदाहरण:

  • प्यार और देखभाल का स्पर्श: माता-पिता द्वारा बच्चों को गले लगाना या उनकी पीठ पर हाथ फेरना।
  • सकारात्मक अभिवादन: किसी दोस्त या रिश्तेदार से हाथ मिलाना या गले लगाना, जब दोनों इस स्पर्श को स्वीकार करते हैं।
  • चिकित्सकीय स्पर्श: डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान उचित तरीके से किया गया स्पर्श, जब यह चिकित्सकीय कारणों से हो और व्यक्ति की अनुमति से हो।

2. असुरक्षित स्पर्श (Unsafe Touch)

असुरक्षित स्पर्श वह होता है, जो किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना किया जाता है, और जो उसे असहज, डर, गुस्सा, या शर्मिंदगी महसूस कराता है। यह किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत सीमा का उल्लंघन करता है और आमतौर पर गलत या अनुचित होता है।

उदाहरण:

  • शारीरिक उत्पीड़न: जब कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी अन्य व्यक्ति के शरीर के किसी संवेदनशील हिस्से को छूता है, जैसे कि यौन उत्पीड़न।
  • शारीरिक हिंसा: किसी को मारना, धक्का देना, घसीटना या अन्य प्रकार की शारीरिक चोट पहुँचाना।
  • अप्रिय या असमर्थनीय स्पर्श: जब किसी व्यक्ति को गले लगाना, चूमना या अन्य यौन अंगों का छुआव बिना अनुमति के होता है और इसे वह व्यक्ति स्वीकार नहीं करता।

3. स्पर्श के बारे में बच्चों को समझाना

बच्चों को यह समझाना बहुत महत्वपूर्ण है कि क्या स्पर्श सुरक्षित है और क्या नहीं। उन्हें यह सिखाना चाहिए कि वे हमेशा अपने शरीर के मालिक हैं और यदि कोई उन्हें असहज महसूस कराता है तो उन्हें तुरंत उस व्यक्ति से दूर जाना चाहिए और किसी भरोसेमंद व्यक्ति को बताना चाहिए।

बच्चों को शिक्षित करने के कुछ तरीके:

  • बच्चों को यह बताना कि "कोई भी व्यक्ति तुम्हारे शरीर को बिना तुम्हारी अनुमति के नहीं छू सकता है।"
  • सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बीच अंतर समझाना।
  • बच्चों को "नहीं" कहने का अधिकार देना और यह बताना कि वे किसी भी स्थिति में "नहीं" कह सकते हैं यदि उन्हें असहज महसूस हो।
  • उन्हें यह सिखाना कि अगर कोई उन्हें परेशान करता है या उनका अनुचित स्पर्श करता है, तो वे तुरंत एक विश्वासपात्र वयस्क (माता-पिता, शिक्षक, पुलिस) से बात करें।

4. असुरक्षित स्पर्श के प्रभाव

असुरक्षित स्पर्श शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर व्यक्ति पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है:

  • मानसिक प्रभाव: डर, शर्म, आत्म-सम्मान में कमी, मानसिक आघात, अवसाद, और विश्वास की कमी।
  • शारीरिक प्रभाव: चोटें, यौन रोग, गर्भावस्था (यदि यौन हिंसा होती है), और लंबे समय तक शारीरिक दर्द।

5. क्या करें अगर असुरक्षित स्पर्श हो?

यदि किसी को असुरक्षित स्पर्श का सामना करना पड़े, तो उन्हें यह करना चाहिए:

  • दूर भागें: स्थिति से तुरंत बाहर निकलने की कोशिश करें।
  • किसी को बताएं: एक भरोसेमंद व्यक्ति (माता-पिता, शिक्षक, दोस्त, आदि) से तुरंत इस बारे में बात करें।
  • आवश्यक कदम उठाएं: यदि जरूरी हो, तो पुलिस या हेल्पलाइन से संपर्क करें (जैसे, 1091 महिला हेल्पलाइन, 181 महिला सहायता हेल्पलाइन आदि)।
सुरक्षित व असुरक्षित स्पर्श को समझने के लिए यह चलचित्र अवश्य देखें-
 

निष्कर्ष:

सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श का ज्ञान हमारे समाज में सुरक्षा और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। बच्चों और वयस्कों को सही और गलत स्पर्श के बारे में शिक्षा देना महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और किसी भी प्रकार के शोषण से बच सकें।

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