* विद्यालय में सभी बच्चों की एक सभा का आयोजन किया जाता है ताकि मीना मंच का गठन पारदर्शी तरीके से हो सके |
* विद्यालय के बच्चों के अतिरिक्त जो बालिकायें कक्षा 5 या 8 उत्तीर्ण करके जा चुकी हैं या विद्यालय नही जाती उन्हें भी इस सभा में आमन्त्रित किया जा सकता है |
* मीना मंच के कुल 20 सदस्यों में एक तिहाई बालक होते है | यह शर्त कस्तूरबा गाँधी बालिकाओं पर लागू नही होती |
* ये बीस सदस्य मीना मंच के 'फाउण्डर मेम्बर' कहे जाते हैं | बाद में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर मंच का विस्तार किया जाता है |
मीना मंच कार्यकारिणी :
* मीना मंच के गठन के उपरान्त इसकी कार्यकारिणी का गठन किया जाता है |
* कार्यकारिणी समिति का गठन मीना मंच की खुली बैठक में ही किया जाना चाहिए | अध्यक्ष पद के लिए मतदान प्रणाली का उपयोग अधिक उपयुक्त होता है |
* पाँच सदस्यों वाली कार्यकारिणी इस प्रकार होती है -
1. अध्यक्ष
2. सचिव
3. कोषाध्यक्ष
4. सदस्य
5. सदस्य
* अध्यक्ष पद के लिए केवल बालिका का ही चयन किया जाना चाहिए |
* कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल एक वर्ष का होता है |
* मीना मंच के प्रभावी संचालन के लिए सुगमकर्ता द्वारा कार्यकरिणी समिति की सहायता से आवश्यकतानुसार अन्य समितियों का गठन किया जाता है |
* विद्यालय में मीना मंच की गतिविधियों को नेतृत्व प्रदान करने हेतु तीनों कक्षाओं (कक्षा 6, 7 व 8) में एक-एक पॉवर एन्जिल का चयन किया जाता है |
पॉवर एन्जिल के विषय में अधिक जानकारी के लिए यहाँ से प्राप्त करें-