उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए -
- बच्चों को मीना कक्षा अथवा किसी सुविधाजनक स्थान पर बैठायें |
- अरमान मोड्यूल के पृष्ठ संख्या 13 पर जाएँ -प्रकरण: बच्चों को जानें समझेंजीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम को संचालित करने का मुख्य उद्देश्य है किशोर किशोरियों में ऐसे कौशल विकसित करना जो उन्हें एक सुखद व खुशहाल जीवन जीने में उनकी मदद करे। इस कार्य को विद्यालय में प्रारम्भ करने से पहले सुगमकर्ता को किशोर-किशोरियों के बारे में भली भाँति समझना होगा। यह जानना होगा कि उनकी क्या समस्याएं है? किन चुनौतियों का सामना कर रहे है? कौन से सवाल उन्हे परेशान कर रहे है कब वह खुश होते है और कब उदास? किन मामलों में वह चुप्पी साध लेते है और क्यो? सुगमकर्ता को उनके सपनों और उम्मीदों के बारे में भी जानना चाहिए। यह भी जानना चाहिए कि उनके अन्दर कौन-कौन से डर है जो उन्हे कमजोर बना रहे है। सुगमकर्ता को बड़े ही धैर्य पूर्वक व संवेदनशीलता से किशोर-किशोरियों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी। इसके लिए इस सत्र में कुल 3 गतिविधियाँ दी गयी है ।
- अरमान के पृष्ठ संख्या 14 पर दी गयी गतिविधि (एनीमल गेम) को कराएँ |
- प्राथमिक विद्यालयों की मीना सभा में इस सप्ताह बच्चों को मीना मंच की अवधारणा को विस्तार से स्पष्ट किया जायेगा |
- बच्चों को मीना का सामान्य परिचय दें |
- बच्चों को 'मीना की तीन इच्छाएँ' चलचित्र दिखाएँ
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