पीपल की छाँव में,
रानी के गाँव में।
हम तो सब जाएंगे।
घूम-घाम के आएंगे।
गाँव की स्वच्छ हवा में,
खेलेंगे हम मस्ती में।
वहाँ की सौंधी मिट्टी की खुशबू
हम थैले में भर लाएंगे।
आम के पेड़ों पर चढ़कर,
अम्बिया कच्ची खाएंगे।
गन्ने के खेतों में घूमकर,
गण्डेरी के मज़े उड़ाएंगे।
चाँद की चांदनी के तले,
नींद का मज़ा उठाएंगे ।
चिड़ियों की चहचहाहट से उठने
उठने का भी आनंद सँग लाएंगे।
गुन्जन कौशल
उ०प्रा०वि० बुनटा
जनपद- शामली