तोड़-तोड़ के बन्धनों को देखो बहनें आती हैं
ओ देखो लोगो देखो बहनें आती हैं
तारीकी को तोड़ेंगी व खामोशी को तोड़ेंगी
हाँ मेरी बहनें अब खामोशी को तोड़ेंगी
मोहताजी और डर को वो मिलकर पीछे छोड़ेंगी
हाँ मेरी बहनें अब डर को पीछे छोड़ेंगी
निडर, आज़ाद हो जाएँगी
अब वो सिसक-सिसक के न रोएँगी
तोड़-तोड़ के बन्धनों को
मिलकर लड़ती जाएँगी वो आगे बढ़ती जाएँगी
नाचेंगी और गाएँगी वो आगे बढ़ते जाएँगी
हाँ मेरी बहनें अब मिलकर खुशी मनाएँगी
गया जमाना पिटने का जी अब गया जमाना मिटने का
तोड़-तोड़ के बन्धनों को
-अज्ञात